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भीड़ द्वारा सजा देना भी अपराध है !            झज्जर के गांव दुलिना में अक्टूबर 2002 में गौवध के शक में 5 दलितों की निर्मम हत्या की खबर से लेकर रोहतक के टिटोली गांव में बीते बुधवार को बछड़े का मृत शरीर पाए जाने के बाद मुस्लिम परिवार पर हमला होने तक आखिर बदला ही क्या है ? जुनैद व अकबर @ रकबार की तथाकथित गौरक्षकों द्वारा हत्या कर दिए जाने की ख़बरें बीते दिनों अखबारों की सुर्खियां रहीं |   अब टिटोली गांव के बाहर मृत बछड़े का शव पाए जाने के बाद गांव के मुस्लिम परिवार पर क्रोधित भीड़ ने हमला किया | बताया गया कि आंदोलित भीड़ को शक था कि गांव के यामीन ने बछड़े का वध किया है | यामीन व् पारिवार के लोग अपने घर में मौजूद होते तो ना मालूम क्या होता ? गांव के लोगों की शिकायत पर यामीन पर “प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल एक्ट, 2015” के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया | मगर शक के आधार यामिन के घर पर भीड़ द्वारा हमला कर नुक्सान पहुंचाना भी अपराध है, जिसे करने वालों प