श्री अरविन्द केजरीवाल, संयोजक (आम आदमी पार्टी) के नाम खुला पत्र
श्री
अरविन्द केजरीवाल, संयोजक (आम आदमी पार्टी) के नाम खुला पत्र
आम आदमी पार्टी की अनुशासन समिति द्वारा चार प्रमुख सदस्यों प्रशांत, योगेन्द्र, आनन्द कुमार व अजित झा को पार्टी से निष्कासित किये जाने के फैसले की हम {परमजीत सिंह (सचिव) व राजीव गोदारा (मुख्य प्रवक्ता) आम आदमी पार्टी}, घोर निंदा करते हैं व इस फैसले को आप के मूल सिद्धांत स्वराज के खिलाफ मानते हैं |
जिस अनुशासन समिति
का गठन 29 मार्च को किया गया उसी समिति ने प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव, आनन्द कुमार व अजीत झा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब मांगा | प्रशांत, योगेन्द्र व आनन्द कुमार ने विस्तृत जवाब दिए जबकि अजीत झा ने नोटिस भेजने वाली अनुशासन समिति को असैंवधानिक करार देते हुए जवाब नहीं दिया |
प्रशांत व योगेन्द्र ने कारण बताओ नोटिस के अपने जवाब में समिति के दो सदस्यों पंकज गुप्ता व आशीष खेतान से निवेदन किया था कि वे दोनों लोग
पहले ही प्रशांत व योगेन्द्र के खिलाफ सार्वजनिक रूप से ब्यान देकर उन्हें पार्टी
विरोधी करार दे चुके हैं, इस लिए इन दोनों को फैसला करने की प्रक्रिया से हट जाना चाहिए | कारण बताओ नोटिस में वही आरोप लगाए गए
हैं जिन पर पंकज गुप्ता व आशीष खेतान पहले ही फैसला दे चुके हैं |
जवाब दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद "अनुशासन समिति" ने रात को ही इन चारों नेताओं को पार्टी से निकाले जाने का फैसला ले लिया व इन नेताओं को भेजने से पहले ही मिडिया को भेज दिया गया | हमें उम्मीद थी पार्टी कि
अनुशासन समिति अपने फैसले की प्रति को भी सार्वजानिक करेगी, जबकि फैसला व आरोप
सार्वजानिक किये गए हैं | हमें आशा थी कि
उस फैसले में निष्काषित किये गए नेताओं के जवाब पर विचार कर उसे संतोषजनक ना माने
जाने के कारण बताये जायेंगें व साथ साबित हुए आरोपों बारे भी स्पष्टता होगी | मगर
लम्बी इन्तजार के बाद भी फैसले की जानकारी नहीं मिल पाई है | यह भी नहीं कहा बताया
गया कि कौन से आरोप साबित हुए |
हम निम्न कारणों के चलते इस फैसले का विरोध करतें है :
1)
फैसले के सार्वजानिक नहीं होने से व
निष्काषित लोगों को नहीं मिलने से यह साफ़ हो जाता है कि इन लोगों के जवाब को जांचा
ही नहीं गया |
2)
समिति के दो सदस्यों पंकज गुप्ता व
आशीष खेतान दोनों ने प्रशांत व योगेन्द्र के खिलाफ न सिर्फ आरोप लगाए बल्कि नोटिस
से पहले ही उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियाँ करने का दोषी करार दिया था | उन्हीं दो
लोगों को जाँच समिति में रखा गया | पूर्वाग्रह के चलते इन्हें फैसले की प्रक्रिया
से हट जाने के निवेदन के बाद भी स्वीकार नहीं किया गया | ना ही कोई कारण बताया गया
कि ये दोनो लोग फैसले की प्रक्रिया से अलग क्यों नहीं हुए |
3)
प्रशांत, योगेन्द्र व आनन्द कुमार के
जवाब में दिए गए तथ्यों व जवाब की समीक्षा
नहीं की गई |
4)
प्रशांत जी के जवाब के साथ उनकी
अध्यक्षता वाली अनुशासन समिति (जिसमें पंकज गुप्ता भी सदस्य थे) की कार्यवाही की मिनट्स भी भेजे गए | उससे जाहिर होता है कि
जिन लोगों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही चल रही थी उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई
के लिए बुलाया गया था, मगर इन चार वरिष्ठ साथियों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नहीं
बुलाया गया |
हम मानते हैं कि ऊपर
दिए गए तथ्य चार नेताओं के निष्कासन की निंदा करने के लिए पर्याप्त कारण हैं | इस
फैसले से न्याय के हर सिद्धांत को तिलांजली दी गई है | यह फैसला साफ़ करता है कि
स्वराज व आंतरिक लोकतंत्र की आवाज उठाने वालों को इसी तरह से पार्टी से बाहर किया
जाएगा |
मगर
हम स्वराज व आन्तरिक लोकतंत्र के लिए स्वयं की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए
“अनुशासन समिति” द्वारा प्रशांत, योगेन्द्र, आनन्द कुमार व अजीत झा को पार्टी से
बहार किये जाने के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं, साथ ही आगाह करना चाहते हैं कि
पार्टी अपने स्वराज के रास्ते से भटक रही है | यदि समय रहते पार्टी का राष्ट्रिय
नेत्रित्व नहीं चेता तो जनता उसके अहंकार का जवाब देगी |
हम अंत में कहना कहते हैं कि प्रशांत
भूषण ने जो मुद्दे अपने जवाब में उठाये हैं, उन की तुरंत जाँच करवाई जाये | साथ ही
हमारी मांग है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान जिन दो उम्मीदवारों की टिकट लोकपाल
के कहे पर बदली गई थी, उन टिकटों को दिए जाने की सिफारिस करने वालों के नाम
सार्वजानिक किये जाएँ व उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये | हम मांग करते हैं कि
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नवीन जयहिंद के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों व
आर्थिक अनियमितताओं सम्बन्धी मामले में लंबित जाँच, जिसमें हरियाणा के संयोजक से
डिटेल रिपोर्ट भेजी जा चुकी है (प्रशांत जी के जवाब के साथ 16/10/2014 को हुई
अनुशासन समिति की बैठक के फैसले का सलंगन दस्तावेज यह बताता हैं) को लोकपाल समिति
के पास तुरंत भेजा जाए | साथ ही राजेश गर्ग
(पूर्व विधायक) द्वारा जेटली के नाम से फोन करवाने के आरोपों के मामले की जाँच
जल्द पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस को आग्रह किया जाये |
परमजीत सिंह (8950213717 ) राजीव
गोदारा (9417150798)
सचिव मुख्य
प्रवक्ता
आम आदमी पार्टी,
हरियाणा आम
आदमी पार्टी, हरियाणा
प्रति : श्री पंकज
गुप्ता (सचिव) आम आदमी पार्टी
आप के सत्ता लोलुप नेतृत्व ने आज तक इन मांगों पर गौर नहीं किया है । हमारी शंकाएं सच में बदल गई हैं ।
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